Hold Me Close - 1 in Hindi Love Stories by Harshu books and stories PDF | Hold Me Close - 1

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Hold Me Close - 1

बारिश का मौसम था । आज मुंबई मैं बहुत तेज बारिश हो रही थी । उसी बारिश में रेवा अपने शादी के जोड़े में भागी जा रही थी । उसने भागते भागते पीछे मुड़कर देखा एक आदमी अभी भी उसके पीछे दौड़ रहा था। रेवा की दिल की धड़कने तेजी से बढ़ रही थी । उसके आंखों से लगादार आसू बहे जा रहे थे। आज रेवा की शादी थी। उसकी सौतेली मां के दबाव मैं आकर रेवा ने अजीत से शादी के लिए हां कहा था। लेकिन आज ही उसने अपने सौतेली मां और अजीत को बात करते हुए सुना था । उसे आज ही पता चला कि कैसे उसकी मां शादी नही बल्कि उसका सौदा करना चाहती थी । उसने रेवा का सौदा किया था ।रेवा को जैसे ही ये बात पता चली वो बिना कुछ सोचे समझे वहा से भागने लगी लेकिन उसकी बदकिस्मती थी की अजीत की नजर उस पर पड़ गई ।

"ए लड़की रुको...",अजीत ने गुस्से से कहा और उसका पीछा करने लगा।

रेवा को सारी यादें किसी फ्लैशबैक की तरह याद आने लगी । उसके आंखों में डर साफ साफ दिख रहा था । तभी रेवा रास्ता क्रॉस करते हुए एक मर्साडिस से टकराई । गाड़ी को ब्रेक लगाने की वजह से रेवा को ज्यादा चोट नही आई । रेवा अब नीचे जमीन पर गिरी हुई थी ।

"पागल लड़की कम दिखता है क्या तुम्हे ! नशे मैं हो क्या ? पता है कितनी महंगी गाड़ी है, पता नही कहा कहा से आ जाते है लोग । अब रास्ता छोड़ो मेरा ", उस आदमी ने कार के अंदर से ही चिल्लाते हुए कहा।

"प्लीज हेल्प .. मुझे बचालीजिये ", रेवा ने रोते रोते कहा

उस मर्साडिस से एक आदमी बाहर आया जिसने वाइट शर्ट और जींस पहनी हुई थी। उसके शर्ट के ऊपर के दो बटन खुले थे जिस वजह से उसकी मस्कुलर चेस्ट दिख रही थी । और बियर्ड तो उसके लुक्स को और ज्यादा परफेक्ट बना रही थी। वो और कोई नही बल्कि अर्जुन सिंघानिया था .. सिंघानिया इंडस्ट्रीज का मालिक दिखने में जितना ज्यादा कोल्ड उतना ही ज्यादा गुस्से वाला। इतना पावरफुल आदमी जो पुलिस को भी अपनी जेब में लेकर घूमता था । अर्जुन बस एक्सप्रेशन लेस होकर रेवा को देख रहा था। ऐसा लग रहा था मानो वो उसकी खूबसूरती में खो गया हो ।

"Oh god ये अर्जुन सिंघानिया यहां क्या कर रहा है ! अब मैं बॉस को क्या जवाब दूंगा , बॉस तो मेरी जान ले लेंगे", अजीत ने मन में ही सोचा जो की झाड़ियों के पीछे छुपकर सब देख रहा था ।

तो वही रेवा अभी भी अपना चेहरा अपने हाथों मैं छुपाकर रोए जा रही थी हालांकि उसके पैरो मैं अब और ताकत नही बची थी । अर्जुन रेवा के सामने अपने घुटनों के बल बैठ गया ।

"कौन हो तुम ?? इतने रात को इस सुनसान सड़क पर क्या कर रही हो ? और तुम शादी से भागकर आई हो ??", अर्जुन ने कोल्ड टॉन में पूछा ।

"वो में...में..वो मेरे पीछे एक आदमी..वो मुझे अपने साथ लेकर जाएगा प्लीज हेल्प मि.. में कुछ भी कर सकता है मेरे साथ ! प्लीज़ हेल्प मि ", इसके आगे रेवा कुछ बोल नहीं पाई और वही कमजोरी की वजह से बेहोश हो गई।

" क्या इसे घर लेजाना ठीक होगा ! अगर ये किसकी चाल हुई तो ! लेकिन मैं इसे इस हालत में छोड़कर भी नही जा सकता क्या पता अगर ये लड़की सच बोल रही हो । अर्जुन ने मन मैं ही सोचा । उसने अपने अगल बगल में देखा लेकिन उसे वहा कोई नही दिखा।

अर्जुन ने रेवा को अपनी बाहों में उठा लिया और कार के पिछले वाली सीट पर लिटा दिया। और कार स्टार्ट कर दी । ड्राइव करते समय अर्जुन लगादार सामने वाले मिरर से पीछे बेहोश हुई रेवा को देख रहा था। शायद आज पहली बार उसने किसी लड़की को इतनी गौर से देखा था । देखते ही देखते कार हवा से बातें करते करते एक आलीशान विला के सामने आकर रूकी । अर्जुन ने पीछे मुड़कर देखा रेवा अभी भी बेहोश ही थी।
अर्जुन ने उसे अपने गोद में उठाया और विला के अंदर ले गया । विला के अंदर मौजूद सभी सर्वेंट अर्जुन की बाहों मैं लड़की को देखकर हैरान थे । इतने सालों मैं कभी भी अर्जुन के घर पर कोई लड़की नही आई थी ।

"ये लड़की कौन है ? और शादी के जोड़े में क्यों है? क्या सर ने इससे शादी की है ? ",एक सर्वेंट ने धीमी आवाज मैं दूसरी सर्वेंट से पूछा ।

"ये फालतू की बातों पर ध्यान देने की बजाय अपने काम पर ध्यान दो और 2 लेडीज सर्वेंट को गेस्ट हाउस में भेज दो ", अर्जुन ने गुस्से से कहा और रेवा को लेकर ऊपर गेस्ट हाउस की और जाने लगा ।

अर्जुन ने रेवा को आराम से बेड पर लिटा दिया ।
तभी दरवाजे पर 2 लेडीज सर्वेंट ने आकर कहा – "आपने हमे बुलाया ?"

"इसके कपड़े चेंज कर दो !", अर्जुन ने रेवा की ओर देखते हुए कहा जिसके कपड़े बारिश में पूरे भीग चुके थे। अर्जुन इंस्ट्रक्शंस देकर बाहर चला गया था ।

तो दूसरी और अजीत ने अपने बॉस को कॉल करके सारी बाते बता दी ।

"तुम एक लड़की को संभाल नही सकते क्या ? ऐसे कैसे भाग गई ! तुम्हे पता है ना वो मुझे किसी भी हालत मैं चाहिए ! At any cost i want her .. मुझे वो चाहिए मतलब चाहिए ", कॉल पर सामने से आवाज आई ।

"सर उसको एन मौके पर हमारे प्लेन के बारे में पता चला वो में और सविता जी बात कर रहे थे तो उसने सब सुन लिया ।मैने कोशिश की उसे पकड़ने की लेकिन उसे अर्जुन सिंघानिया अपने साथ ले गया ... "

"What ! इसका मतलब वो लड़की उस अर्जुन के पास है ?", उस आदमी ने गुस्से से तिलमिलाते हुए पूछा ।

"जी..",.अजीत ने डरते हुए कहा।

"उस आदमी ने जोर से अपना फोन जमीन पर पटक लिया और कहा– ये हर बार मेरे काम के बीच कैसे आ जाता है ।लगता है इसका हमेशा हमेशा के लिए इंतजाम करना पड़ेगा "